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Darshan Kapoor

दर्शन कपूर ‘फ़लक’ ने अपनी जीवन यात्रा के अनुभव २००४ में उर्दू में छपे कविता संग्रह ‘हुस्ने नज़र’ में उर्दू साहित्य जगत के समक्ष रखे थे जिन्हें भरपूर सराहा गया था। हिंदी पाठकों के आग्रह के फलस्वरूप उर्दू ‘हुस्ने नज़र’ का यह देवनागरी लिपि में रूपांतर आप की भेंट है।

Author's books

Husne Nazar (हुस्ने नज़र)

245.00

India print edition available on: Amazon India

 

इस कविता संग्रह का मूल आधार है – जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि। हम अपूर्ण हैं – अपूर्ण पूर्ण को पूर्ण रूप से जानने का प्रयास तो कर सकता है किन्तु पूर्ण को सम्पूर्ण रूप से नहीं जाना जा सकता।