ख़्यालों के दरमियान में हिंदुस्तानी भाषा में रचित कई कवितायें, नज़्में, ग़ीत, शेर, ग़ज़लें शामिल हैं।
ख़्यालों के दरमियान का कोई एक प्राथमिक विषय नहीं है। इस संग्रह में जीवन के विभिन्न मानवीय मनःस्थितियों का चित्रण किया गया है। अलग अलग मानसिकता और भावों को व्यक्त किया गया है। कहीं घोर दुःख, अगाध प्रेम और प्रेरणात्मक कवितायें हैं और कहीं हास्यात्मक या दार्शनिक भाव है। खालिस हिंदी से लेकर उर्दू शब्दों का उपयोग किया गया है पर भाषा सरल, सीधी और दिल को छूने वाली है जो पाठक को ज़रूर प्रभावित करेगी।