• 0 Items - 0.00
    • No products in the cart.
  • 0 Items - 0.00
    • No products in the cart.

295.00

मेरी अज्जी और मैं

Indian print edition also available on: Amazon India 

 

सन १८९७ में एक दरिद्र किसान परिवार में जन्म ।
२ वर्ष की आयु में ही पिता को खो दिया ।
९ वर्ष की आयु में विवाह ।
१० वर्ष की आयु में बाल-विधवा ।
२९ वर्ष की आयु में डॉक्टर की डिग्री हासिल की ।
९२ वर्ष की दीर्घायु पाई ।
AuthorsUpFront September 2024 9789394887435 Hindi Paperback 180
Share

Meet The Author

सन १८९७ में एक दरिद्र किसान परिवार में जन्म ।
२ वर्ष की आयु में ही पिता को खो दिया ।
९ वर्ष की आयु में विवाह ।
१० वर्ष की आयु में बाल-विधवा ।
२९ वर्ष की आयु में डॉक्टर की डिग्री हासिल की ।
९२ वर्ष की दीर्घायु पाई ।
“मेरी अज्जी और मैं” मेरी दादी के जीवन-वृत्त को समेटे है ।
लगभग एक सदी के विस्तार में फैली हुई यह प्रेरक गाथा हमें बताती है कि अकुताई ने कैसे अपने प्रयत्नों से शिक्षा प्राप्त की, डॉक्टर बनीं, पुनर्विवाह किया, डॉक्टरी की प्रैक्टिस की, पूर्वी अफ़्रीका के जंगली इलाक़े में संतानों को जन्म दिया, उनका लालन-पालन किया और आगे चल कर, भारत आने के बाद, सुरक्षित मातृत्व की संभवता को बढ़ावा देने के लिए अपना प्रसूति गृह (maternity home) खोला ।
यह कथा है अदम्य साहस से कठिनाइयों के मुक़ाबले की ।
इस पुस्तक की बिक्री से प्राप्त रकम हिंगणे (पुणे) में महर्षि कर्वे स्त्री शिक्षण संस्था (MKSSS) के ‘भाऊबीज फ़ंड’ को दी जाएगी ।